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Vaidik Gau Vigyan

Om Vaidik Gau Vigyan

गावो विश्वस्य मातरःवैदिक काल से गौओं का भारतवर्ष में बड़ा महत्त्व रहा है। प्रकृति में सब स्तनधारी जीव अपने ही शिशु के लिए स्तनपान से पर्याप्त मात्रा में पोषण देते हैं। हथनी भी दस लीटर से अधिक दूध नहीं देती। परंतु गौ का दूध मनुष्य भी सेवन करते हैं। वेदों के अनुसार गौ का दूध अमृत समान है, इसलिए गौ के दूध के उत्पादन को बढ़ाने की आश्यकता पड़ी। अच्छी गौएँ 20 लीटर तक दूध देती हैं। यह वैदिक ऋषियों के प्रयत्न से संभव हो सका। वेदों के अनुसारइंद्रेण दत्ता प्रथमा शतौदना, इंद्रएक वैदिक वैज्ञानिक, के द्वारा नस्ल-सुधार से यह संभव हो सका। मनुष्य को गौ-दुग्ध क्यों सेवन करना चाहिए और वह भी केवल भारतीय गौओं का ही, इस विषय पर आधुनिक विज्ञान की दृष्टि से विश्व में पर्याप्त अनुसंधान किया गया है। वेदों में पर्यावरण सुरक्षा की दृष्टि से भी गौ-पालन का बड़ा महत्त्व बताया गया है। यह आधुनिक पर्यावरण के अनुरूप विज्ञान-सम्मत पाया जा रहा है। वैदिक गौ विज्ञान पुस्तक द्वारा गौमाता के माहात्म्य को बताने के साथ-साथ उसके सामाजिक-आर्थिक-सांस्कृतिक बिंदुओं को भी रेखांकित किया गया है।

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  • Språk:
  • Hindi
  • ISBN:
  • 9789355210111
  • Bindende:
  • Paperback
  • Sider:
  • 276
  • Utgitt:
  • 20. september 2021
  • Dimensjoner:
  • 152x16x229 mm.
  • Vekt:
  • 408 g.
  • BLACK NOVEMBER
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Beskrivelse av Vaidik Gau Vigyan

गावो विश्वस्य मातरःवैदिक काल से गौओं का भारतवर्ष में बड़ा महत्त्व रहा है। प्रकृति में सब स्तनधारी जीव अपने ही शिशु के लिए स्तनपान से पर्याप्त मात्रा में पोषण देते हैं। हथनी भी दस लीटर से अधिक दूध नहीं देती। परंतु गौ का दूध मनुष्य भी सेवन करते हैं। वेदों के अनुसार गौ का दूध अमृत समान है, इसलिए गौ के दूध के उत्पादन को बढ़ाने की आश्यकता पड़ी। अच्छी गौएँ 20 लीटर तक दूध देती हैं। यह वैदिक ऋषियों के प्रयत्न से संभव हो सका। वेदों के अनुसारइंद्रेण दत्ता प्रथमा शतौदना, इंद्रएक वैदिक वैज्ञानिक, के द्वारा नस्ल-सुधार से यह संभव हो सका। मनुष्य को गौ-दुग्ध क्यों सेवन करना चाहिए और वह भी केवल भारतीय गौओं का ही, इस विषय पर आधुनिक विज्ञान की दृष्टि से विश्व में पर्याप्त अनुसंधान किया गया है। वेदों में पर्यावरण सुरक्षा की दृष्टि से भी गौ-पालन का बड़ा महत्त्व बताया गया है। यह आधुनिक पर्यावरण के अनुरूप विज्ञान-सम्मत पाया जा रहा है। वैदिक गौ विज्ञान पुस्तक द्वारा गौमाता के माहात्म्य को बताने के साथ-साथ उसके सामाजिक-आर्थिक-सांस्कृतिक बिंदुओं को भी रेखांकित किया गया है।

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