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Man Mayura 2023

Om Man Mayura 2023

हर परिस्थिति पर कविता लिखने की चाह में जब कभी भी समय मिलता है तो कागज और पैन उठाकर लिखना शुरू कर देती हूं। इसी श्रंखला में मेरी ये किताब तैयार होकर आपके समक्ष प्रस्तुत है। सेवानिवृत व्यक्ति और कर्मचारी में अरे कुछ तो पहचान अलग दिखाएं, मात्र नौकरी से ही तो रिटायर हुए हो सुनहरा बुढ़ापा भी तो अभी बकाया है मत बनो जीते जी सेवानिवृत व्यक्ति जिंदगी का कर्ज अभी चुकाया कहां है। ये चंद पंक्तियां मेरे दफ़्तर के एक किस्से पर लिखी गई कविता से ली गई हैं, जिसमें मैंने अनायास ही घटी एक घटना के बारे में लिखा है। इसी पुस्तक में अवतरित कविता को पढ़कर आप आशय से परिचित हो पाओगे।

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  • Språk:
  • Hindi
  • ISBN:
  • 9789358817676
  • Bindende:
  • Paperback
  • Utgitt:
  • 27. september 2023
  • Dimensjoner:
  • 152x229x7 mm.
  • Vekt:
  • 181 g.
  • BLACK NOVEMBER
Leveringstid: 2-4 uker
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Beskrivelse av Man Mayura 2023

हर परिस्थिति पर कविता लिखने की चाह में जब कभी भी समय मिलता है तो कागज और पैन उठाकर लिखना शुरू कर देती हूं। इसी श्रंखला में मेरी ये किताब तैयार होकर आपके समक्ष प्रस्तुत है। सेवानिवृत व्यक्ति और कर्मचारी में अरे कुछ तो पहचान अलग दिखाएं, मात्र नौकरी से ही तो रिटायर हुए हो सुनहरा बुढ़ापा भी तो अभी बकाया है मत बनो जीते जी सेवानिवृत व्यक्ति जिंदगी का कर्ज अभी चुकाया कहां है। ये चंद पंक्तियां मेरे दफ़्तर के एक किस्से पर लिखी गई कविता से ली गई हैं, जिसमें मैंने अनायास ही घटी एक घटना के बारे में लिखा है। इसी पुस्तक में अवतरित कविता को पढ़कर आप आशय से परिचित हो पाओगे।

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