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Chaak Par Ghoomti Rahi Mitti

Om Chaak Par Ghoomti Rahi Mitti

इक नई जिंदगी की चाहत में चाक पर घूमती रही मिट्टी अपनी मिट्टी, अपनी जमीन और अपने लोगों की ख़ुशी तथा ग़म को महसूस करके संवेदनशीलता के साथ उन्हें शायरी का हिस्सा बनाने का हुनर आराधना प्रसाद की विशिष्टता है । आराधना प्रसाद की ग़ज़लों में भाषा की सरलता के साथ-साथ छंद, शिल्प व कथ्य का स्तर उत्कृष्ट है । कुछ अशआर देखिये-झील पर यूँ चमक रही है धूपजैसे पानी की हो गई है धूपऊँची परवाज़ हो पर पाँव ज़मीं पर ही रहेआसमां से भी उतर जाते हैं अच्छे-अच्छेबग़ावत पर इस आमादा हवा सेचराग़ों को भी लड़ना आ गया हैचाँद का तो रंग फीका पड़ गयाखुशनुमा पीतल की थाली हो गईअपनी मेहनत की कमाई से जलाओगे अगरघर के दीपक से भी आँगन में उजाला होगाडूबता सूरज जहाँ से कह गयासर बुलंदी से उतर जाते हैं सबमंज़िल की आरजू में सलामत रहे जुनूंकाँटे हैं राह में कि हैं पत्थर न देखिएमैं आराधना प्रसाद के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए ईश्वर से यही प्रार्थना करता हूँ कि वह इन्हें दीर्घायु प्रदान करें। आराधना सुयश के उच्चतम शिखर को छूने में कामयाब हों ।(आर.के. सिन्हा)वरिष्ठ संपादक, स्तंभकार एवं पूर्व सांसद

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  • Språk:
  • Hindi
  • ISBN:
  • 9789392013119
  • Bindende:
  • Hardback
  • Sider:
  • 130
  • Utgitt:
  • 17 mai 2022
  • Dimensjoner:
  • 140x11x216 mm.
  • Vekt:
  • 313 g.
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Leveringstid: 2-4 uker
Forventet levering: 25 oktober 2024

Beskrivelse av Chaak Par Ghoomti Rahi Mitti

इक नई जिंदगी की चाहत में चाक पर घूमती रही मिट्टी अपनी मिट्टी, अपनी जमीन और अपने लोगों की ख़ुशी तथा ग़म को महसूस करके संवेदनशीलता के साथ उन्हें शायरी का हिस्सा बनाने का हुनर आराधना प्रसाद की विशिष्टता है । आराधना प्रसाद की ग़ज़लों में भाषा की सरलता के साथ-साथ छंद, शिल्प व कथ्य का स्तर उत्कृष्ट है । कुछ अशआर देखिये-झील पर यूँ चमक रही है धूपजैसे पानी की हो गई है धूपऊँची परवाज़ हो पर पाँव ज़मीं पर ही रहेआसमां से भी उतर जाते हैं अच्छे-अच्छेबग़ावत पर इस आमादा हवा सेचराग़ों को भी लड़ना आ गया हैचाँद का तो रंग फीका पड़ गयाखुशनुमा पीतल की थाली हो गईअपनी मेहनत की कमाई से जलाओगे अगरघर के दीपक से भी आँगन में उजाला होगाडूबता सूरज जहाँ से कह गयासर बुलंदी से उतर जाते हैं सबमंज़िल की आरजू में सलामत रहे जुनूंकाँटे हैं राह में कि हैं पत्थर न देखिएमैं आराधना प्रसाद के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए ईश्वर से यही प्रार्थना करता हूँ कि वह इन्हें दीर्घायु प्रदान करें। आराधना सुयश के उच्चतम शिखर को छूने में कामयाब हों ।(आर.के. सिन्हा)वरिष्ठ संपादक, स्तंभकार एवं पूर्व सांसद

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