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मेरी प्रथम पुस्तक "हमदर्द", जो प्यार, स्नेह, लगाव, भावनाओं और सम्मान पर आधारित है, आपलोगों के समक्ष प्रस्तुत है। इस पुस्तक को लिखने का मेरा कोई व्यक्तिगत उद्देश्य नहीं रहा है। लिखना एक कला है और यह इस चीज पर निर्भर करता है कि आप इसे पाठक के सामने कैसे प्रस्तुत करते हैं। प्रत्येक व्यक्ति की किसी न किसी के लिए अपनी भावनाएँ होती हैं और वे किसी न किसी रूप में एक दूसरे से जुड़े होते हैं। आप रोते हैं, हंसते हैं, उस हद तक जीवन जीते हैं, जहां आप चीजों को अच्छी तरह से समझना शुरू कर देते हैं। कुछ लोग हैं जो व्यक्त करना चाहते हैं, लेकिन दुर्भाग्य से अंत में सफल नहीं हो पाते हैं। यह पुस्तक प्रेम,मोह,त्याग,भाग्य से जुड़ा एक संग्रह है, जिसे मैं आप सब के सामने ला रही हूं और खुद को बहुत ही खुशनसीब मानती हूं जो मुझे इस पुस्तक को लिखने का जाने अनजाने में अवसर मिला।उम्मीद करती हूं आप सबको यह पसंद आएगी।
A married man falls in love with a lady who has a very complicated past. But for the realisation of this mistake, that man wants to come back his normal life, but some mistakes do not allow him to makes his life normal. love turns in a violent way, begging of love and fight with his own destiny, a tremendous conflict make this story breathe taking. A love story which you never read before, a conflict between love and lust which you never seen before. A world of imagination, where love is selfish, body is selfless.
इस स्टोरीज़ बुक में आधुनिक भारत, जापान, चीन और फ़ारसी भूमि जैसी आधुनिक एशिया भूमि के बारे में सबसे दिलचस्प कहानियाँ शामिल हैं। मैं इसे माता-पिता और बच्चों के लिए पढ़ने की सलाह देता हूँ। जैसा कि कथावाचक हर रात राजा को खुद को बचाने के लिए एक कहानी सुनाता है और कई रातों से अधिक कहानियाँ सुनाता है और राजा उन्हें सुनता है। कहानी के बाद वह अपने बिस्तर पर सो गया। दुनिया के बारे में सबसे दिलचस्प कहानियाँ भी शामिल हैं। दुनिया भर की कहानियाँ। I नई आधुनिक कहानियों के रूप में माता-पिता और बच्चों को इसे पढ़ने की सलाह दें।
স্টেজের পাশেই স্বয়ংসিদ্ধা পলাশ চৌধুরী মনের কথাটুকু কবিতায় প্রকাশ করেছেন। কবির প্রথম কাব্যগ্রন্থ এটি যদিও স্কুল জীবনে কবির লেখার প্রথম হাতে খড়ি ! কাব্যগ্রন্থটিতে লেখার কোন সুনির্দিষ্ট বিষয় নেই আর আর স্বচ্ছ সাবলীল ভাষা কবির অনন্য গুণের পরিচায়ক ! মনের কথাটুকু পাঠে একাত্ম হলে কবির সুশীল ও সৃজনশীল মনের নির্যাসটুকু পাবেন- একথা হলফ করে বলতে পারি এটুকুই আমার মনের কথা। স্টেজের পাশেই স্বয়ংসিদ্ধা পলাশ চৌধুরী মনের কথাটুকু কবিতায় প্রকাশ করেছেন। কবির প্রথম কাব্যগ্রন্থ এটি যদিও স্কুল জীবনে কবির লেখার প্রথম হাতে খড়ি ! কাব্যগ্রন্থটিতে লেখার কোন সুনির্দিষ্ট বিষয় নেই আর আর স্বচ্ছ সাবলীল ভাষা কবির অনন্য গুণের পরিচায়ক ! মনের কথাটুকু পাঠে একাত্ম হলে কবির সুশীল ও সৃজনশীল মনের নির্যাসটুকু পাবেন- একথা হলফ করে বলতে পারি এটুকুই আমার মনের কথা।
এই অনুভৱৰ সংগ্ৰহ খনত মোৰ দ্বাৰাই এসোপামান অনুভৱৰ অপৈণত প্ৰকাশ কৰা গৈছে। হেপাঁ]হ সকলোৰে বৰ প্ৰিয়, সেই হেঁপাহৰ আহ্বান মৰ্মে অনুভৱবোৰ দুই-এটা শব্দৰে সজাইছোঁ। মোৰ মনত বৰ উন্নত নহয় বাবে অপৈণত নামটো ৰাখিছোঁ, কেতিয়াবা স্মৃতিৰ অনুভৱ বিচাৰি নাপালে এই পৃষ্ঠাবোৰ লুটিয়াই ৰোমন্থন কৰাৰ ইচ্ছা আছে,সেইবাবে ভুল শুদ্ধ বিচাৰ নকৰি যিদৰে আছে সেইদৰেই ইয়াত অনুভৱবোৰ সজাই থোৱা হৈছে.. জীৱনে আজিলৈ বহুখিনি শিকাইছে, অনুভৱ কৰাৰ দৰেই কবিতাত প্ৰকাশ কৰাৰ চেষ্টা কৰি কৰি গৈ আছোঁ, কিমানখিনি সফল হৈ আছে মোৰ সেই প্ৰচেষ্টা, মই হয়তো ভালকৈ তাকো হৃদয়ংগম কৰিব নোৱাৰিম..কিন্তু সেই প্ৰচেষ্টাৰ কোনোবাখিনিত মোৰ প্ৰেম লুকাই আছে বাবেই অনুভৱ প্ৰকাশৰ নৈ বৈ গৈ আছে..সেই নৈখনক সাগৰৰ লগত চিনাকি কৰি দিব পাৰিলেহে কোনোবাখিনিত সফল অনুভৱ কৰিম... অবিনাশ কলিতা
ये बात हुस्न दीदार ए दिलबर की है, एक हुस्न के किस्से को तीन हिस्सों में समेंट कर लिखने की हैं, बात अगर उस हुस्न की करें तो शब्दों की झाड़ियों में भी, उस कीमती से तिलिस्मी दीदार का ज़िक्र कुछ मुश्किल सा लगता हैं, वो मेरे एहसास के पन्नों में जड़े हुए नगीने सा लगता है, सुबह की खिलती धुप सा लगता है, शाम के घर लौटते पंछी का घर पहुँचने की कुछ जल्दी जैसे लागता है, उसके हुस्न पर कहे बिना अब दिन कुछ अधुरा सा लगता है, उसके एहतिराम ए पेशकश मैं अब मैं क्या कहूं, खुदा खुद उसे इतना ख़ास बना रखा है
नाटक कानपुर का कालिया लिखने के पीछे जो सबसे बड़ी वजह रही वो यही रही की कैसे कानपुर की आम भाषा को लोगो के बीच पहुंचाया जाए हलाकि नाटक में कुछ शब्द ऐसे भी है,जो आम भाषा में इतना इस्तेमाल नहीं होते पर वो खासा इस्तेमाल युवा जनो में जरूर होते है क्यूंकि नाटक की पटकथा में युवा हीरो है और युवाओ की प्रेम सम्बन्धी समस्याओ को दर्शाया गया है,इसलिए नाटक में ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है अक्सर ऐसी बातें खबरों के माध्यम से सुनने में आ जाती थी, की किसी युवा ने आत्महत्या कर ली क्यूंकि उसकी प्रेमिका न उसे छोड़ दिया युवा जनो में बढ़ते इस निराशा से और उस निराशा से फँसी तक का सफर मुझे बहुत आहत करता था, मुद्दा संवेदनशील था पर मन में प्रश्न ये था की इस मुद्दे को कुछ इस तरह से दिखाया जाए की जनता को बात समझ में भी आ जाए और मनोरजन भी होता रहे बस उसी की तलाश में कानपुर का कालिया का निर्माण हुआ
In a world beyond our understanding, where the lines between reality and imagination blur, lies a story of love, sacrifice, and adventure. Follow the journey of Aryan, Emiko, and their team as they venture through parallel universes, encountering dangers and mysteries along the way. As they try to save their world from a dark force beyond their imagination, they must also grapple with their own inner demons and desires. Beyond the Nexus is a gripping tale that will keep you on the edge of your seat until the very end.
सिनेमा किताब लघु कहानियो का संग्रह है, इस किताब में लिखी गयी कहानिया हमारे और हमारे आस पास के जीवन से प्रेरित है। ये कहानिया आपको विभिन दिशाओ, भावो और रासो का अनुभव कराती है। अब यह कोशिश कितनी कारगार साबित होती है इसका फैसला मैं आप पाठको पर छोड़ता हूँ। जहाँ मोबाइल आपको आपके किशोरावस्था में ले जाता है तो वही मास्टर साहब और मात्र १०० रुपये आपको समाज की गदंगी से रूबरू कराता है। इसके अलावा आरिफ आरती, कैंटीन आपको प्रेम का आभास कराता है तो वही एक आवाज़ और दीपक अब भी जल रहा है जीवन में कुछ करने के लिए प्रेरणा देता है। ये कहानिया न सिर्फ शोषित समाज की बात करती है बल्कि एक ऐसे समाज पर सवाल भी खडा करती है जो मौन है । मुझे उम्मीद है ये कहानियां आप सभी को लोगो को पसंद आएँगी । धन्यवाद
"" আগডুম বাগডুম "" গোমড়াথেরিয়াম আর রামগড়ুড়ের ছানাদের ভিড়ে, আহ্লাদিরা আজ হারিয়ে গিয়েছে। ইউটিউব, টিক-টক, ফেসবুকে, এমনকি টেলিভিশনে সম্প্রচারিত হাসির লাইভ শোগুলোতে আলোচনার ইঙ্গিত যেদিকে যায়- সত্যি বলতে কী- তা বেশিরভাগ ক্ষেত্রেই ছোটদের উপযোগী নয়। অনেক সময় তা বড়দের কাছেও বিরক্তিকর। তাই, প্রাণ-খোলা নির্মল হাসি-খুসির আনন্দ খুঁজে পেতে চাইলে, 'আগডুম বাগডুম'-এর প্রচ্ছদটি উল্টে, ভিতরে ছড়িয়ে থাকা ছড়াগুলি পড়তেই হবে। ছোটদের পাশাপাশি বড়রাও উঁকি দিতে পারেন। ক্ষণিকের জন্য সাংসারিক দুঃখ-কষ্ট ভুলে, কৈশোরের আনন্দ ফিরে পেলে মন্দ কী! সুকুমার রায়ের যেমন 'আবল তাবল' আর 'খাই খাই' ছড়াগ্রন্থ, অনেকটা সেইরকমই এই 'আগডুম বাগডুম'। তবে, এর দুটি-মলাটের মধ্যে বিশুদ্ধ হাসির ছড়ার পাশাপাশি বড়দের জন্যেও গুটিকতক জীবনদর্শনের ছড়া-ছন্দ যত্ন করে রাখা আছে- যা পাঠককে একান্তে ভাবুক করে তুলবে।
The story of the novella follows the life of Daisy, a young girl who finds solace in writing letters to Anne Frank during the war. Daisy's past is dark, filled with the horrors of war and the loss of loved ones. Through her letters, she seeks comfort and understanding, finding solace in the words of a kindred spirit who lived in equally turbulent times. As Daisy pours her heart out to Anne, the reader is taken on an emotional journey of loss, hope, and resilience. As a writer, I have always been drawn to stories of the human spirit triumphing over adversity. I believe " A Letter to Anne Frank " is a powerful testament to the strength of human nature, and I am confident that it will resonate with readers of all ages.
उद्भव मिश्र को पढ़कर ऐसा लगता है कि कूडे-कचरे,राख-रेत से बलात् ढक दिया गया ज्वालामुखी जमीन के नीचे धधक रहा है,जिसके लावे बाहर आने को बेचैन हैं,क्योंकि ये कवितायें ऐसे समय में आयी है जब आदमी बस एक उपभोक्ता भर रह गया हो ।सोच-विचार,स्नेह-प्रेम,करुणा और प्रतिरोध के लिए समय का अकाल पड़ चुका हो ।संवेदना क्या ? नागरिक और आदमी होने का बोध तक खत्म हो चुका हो।ऐसे समय का छायांकन सहज,सपाट में शब्दो में यह कह देना साहस का काम है जैसे- अब दानव का / मानवीय चेहरा होगा, क्रांति नहीं होगी दुनिया में / हर शोषित अंधा बहरा होगा ? इस तरह संग्रह की प्रत्येक कविता श्रृंगार से शुरु होकर प्रतिरोध के भंगिमा में पूरी होती है-जैसे मुर्गियाँ उदास नहीं होती है,चुप्पी का तूफान,यह लड़की, एक प्रेमपत्र,शाहीन बाग में भारत माता,कैसे कहें बसंत है,बकरी, चप्पलें, साहित्य शून्य,चादर,पेड़ आदि शीर्षको के बहाने,ये कवितायें समकालीन
यह एक नायिका प्रधान उपन्यास है जिसमें नारी जीवन की विवशताओं पर प्रकाश डाला गया है । यह एक ऐसी स्त्री की व्यथा कथा है जो आदर्शों के लिए अपना सारा जीवन बलिदान कर देती है । उसके सदा अपने कर्तव्यों के प्रति सचेष्ट रहने पर भी उसके आंचल पर लगा एक नन्हा सा दाग उसके जीवन के सम्पूर्ण सुखों को निगल जाता है । यह मनुष्य के आंतरिक और बाह्य संघर्ष की कहानी है । इसमें देशभक्ति का रंग भी है और मानव जीवन की विवशताओं का उल्लेख भी अत्यंत मार्मिक ढंग से किया गया है । उपन्यास के पात्रों के मनोभावों का लेखिका द्वारा अत्यंत प्रभावपूर्ण वर्णन किया गया है ।
"" এক মুঠো কবিতামঞ্জরী "" একমুঠো কবিতা মঞ্জরী- নামক আমার কবিতার বইখানিতে পয়ষট্টি টা কবিতা রয়েছে যেগুলো কবিতার জগতে আমার ইচ্ছে- ভ্রমণের সুখ দুঃখের অনুভূতির প্রকাশ। যখন যেভাবে রঙ-রূপ- গন্ধের খুশিতে আপ্লুত হয়েছি অথবা পুঞ্জীভূত বিষাদ বারির ঝর্ণাধারা যেদিকে বিগলিত হয়ে বয়ে গেছে সেদিকেই আমার লেখনী ধারাও বয়ে গেছে। এর মধ্যে কতিপয় কবিতার সমাজের মানবিক অবক্ষয় যা আমার অন্তরের অন্তঃস্থলে বার বার আঘাত করেছে। অন্য দিকে প্রকৃতির মোহে মোহাচ্ছন্ন হয়ে আমি বার বার নিজেকে হারিয়ে ফেলেছি আমার কবিতার আকাশে। জীবন পথে চলতে চলতে কুড়িয়ে পাওয়া মিশ্রিত অনুভূতিগুলোর 'এক মুঠো কবিতামঞ্জরী' রূপেই বিলিয়ে দিতে চাই আমার শ্রদ্ধেয় ও ভালবাসার পাঠক পাঠিকাদের কাছে। বইখানা পড়ার জন্য সকলের প্রতি আমার আন্তরিক আমন্ত্রণ .... আরতি চৌধুরী
""कुछ लिखते लिखते"" भावनाओं, अनुभवों, और ज़िंदगी के फलसफो की आवाज है जो स्याही में मुखर हो उठी है। आपके अपने दर्पण को शब्द की शक्ल में देखने का तरीका है। दिल के पास सहेज कर रखे खयालों की संदूक है। अनुभव जो शब्दों में ढल जाएं तो जीवन निधि बन जाते हैं। आत्मा को सुख देकर और बंधन रहित करके, उन सुख और दुख के क्षणों को इस पूरी सृष्टि के चरणों समर्पित कर देते हैं। जीवन में मौसम कुछ ऐसे भी होते है, जो हृदय और आत्मा में गहरे से बस जाते है और अगर इनको मुक्त ना किया जाए तो जनमानुबनधन और कर्मानुबंधन बनकर कहाँ तक पीछा करें, कुछ कहना मुश्किल है।
ठाकरे एक राजनैतिक उपन्यास है।मुख्य भूमिका में संजय ठाकरे हैं।जो अपनी पिताजी देवनाथ ठाकरे जी के बाद "ठाकरे"दल का अध्यक्ष नियुक्त होते हैं।उनके पास देवनाथ ठाकरे जी के जैसे बुद्धि की कमी होती है।इसके कारण उनको दल चलाने में बहुत परिशानी झेलना पड़ता है।उनकी काका का बेटा परतिदंडी होता है।संजय ठाकरे अपनी परिवार बाद राजनीति को बचाने की पूरी कोशिश करते हैं।लेकिन अंत में किया होता है?संजय ठाकरे अपनी विरासत की राजनीति को बचा पाते हैं की नही।ये इस किताब में लिखा गया है।किताब में राजनीति के ऊपर बहुत कुछ जानकारी मिल सकता है।
सप्तशृंगी गिरिराज हिमालय का जन्म से लेकर मानसरोवर की अगाध गहराई तक, शिवजी का प्रथम सोपान से लेकर आज तक हर सूक्ष्म से सूक्ष्म पहलू मुझसे छुपा नहीं है। जब चाँद अपनी सखियों के संग आकाश में उभर आता है उन सितारों में मैंने अपनी पृष्ठभूमि के सौंदर्य को निहारती आई हूँ। उन सितारों में एक सपनों का महल खड़ा देखा है मैने। शायद उसी को त्रिशंकु कहा जाता है। विश्वामित्र और मेनका के प्यार की नगरी। उस नगर की रचना भी मैने ही लाखों साल पहले की थी। उनके प्यार की दास्ताँ आज भी मेरे मन के किसी कोने में दफ़न हो कर रह गयी है। रावण ने जब सीता का अपहरण किया था, तब पंखीराज़ जटायु ने उनके बचाव में मेरी गोद में शेष साँस छोड़ी थी। सीता मैया को बचाते- बचाते कितने ही दिये मेरे आँखों के सामने बुझ गए, यह मेरे अलावा कौन जान सकता है? हज़ारों बानरों की सहायता से बना वह सेतु के निर्माण की साक्षी भी मैं ही हूँ।
"" হিজিবিজি "" কবিতা পড়ার প্রতি আমার কোনোদিনই তেমন আকর্ষণ ছিল না। কবিতা পড়ার প্রতি যেমন আকৃষ্ট হই নি তেমনই কবিতা লিখবো বা লিখতে পারবো বলেও কোনোদিন ভাবি নি। প্রকৃতপক্ষে আমি এই জগতের লোকই ছিলাম না। মাঝে বহুচর্চিত কোনো একজনের লেখা কবিতা বা ছড়া যেগুলো বিভিন্ন শ্রেণীর পাঠ্য বইয়ে স্থান পাচ্ছিল সেগুলো পড়ে মনে হয়েছিল যে আমি কোনোদিন না লিখে থাকা সত্ত্বেও ওগুলোর থেকে ভালো লিখতে পারবো। সেই জেদ নিয়েই ২০১৯ সালে লিখতে শুরু করি এবং একটা দুটো করে লিখতে লিখতে বিভিন্ন বিষয়ে লেখার চেষ্টা করি। যা লিখেছি সেগুলো কবিতা/ছড়া/পদ্য যাই হোক সেগুলোকে ফেসবুকে পোস্ট করতাম। সেগুলোকে কেন্দ্র করে অনেকের অনেক মতামত বিশেষ করে যাঁরা কবিতা লেখেন সেইরকম বেশ কয়েকজনের উৎসাহব্যঞ্জক মন্তব্য আমাকে উদ্বুদ্ধ করে এবং আমি লেখা চালিয়ে যাই। এইভাবে লেখা কিছু ছড়া/পদ্য/কবিতার সংকলন নিয়ে প্রকাশিত আমার এই দ্বিতীয় কাব্যগ্রন্থ।
जगत जननी नारी को भगवान भी सिर झुकाता है, हे ! इंसान तूं क्यूं नहीं नारी को पहचानता है।"" नारी को इस जगत की जननी माना गया है। युगों युगों से हम नारी की महिमा सुनते आए हैं, फिर चाहे वह मां काली का रूप हो या माता सीता का। इतिहास ग्वाह है कि जब जब नर पर कष्ट बढ़ा नारी ने अपना सौम्य रूप धारण कर सबका उद्धार किया। मैंने अपनी इस पुस्तक को धुंधली परछाई का नाम दिया है। मैं ये मानती हूं कि नारी एक धुंधली परछाई के रूप में अपना योगदान हमेशा से देती आई है तथा आज भी अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रही है। इस पुस्तक में ऐसी ही कई कहानियां अवतरित की गई हैं, जो नारी की महता पर प्रकाश डालती हैं। आशा करती हूं कि आप सब भी कहानियां पढ़ने के बाद पुस्तक के शीर्षक को भली भांति समझ पाओगे।
तुम उस कलम की सुंदर स्याही हो.."" 'श्रुति' कई पंक्तियों और कविताओं का अद्भुत मिश्रण है जो एक बड़े ही सुंदर भाव को अभिव्यक्त करती है।'श्रुति' जिस शब्द का अर्थ उस मधुर संगीत के स्वर से और उस खूबसूरती व वेद पुराणों के गुण से है जो इस विश्व की हर स्त्री में उनके दिव्य आभूषण के रूप में पाया जाता है, उसी 'श्रुति के अन्य किरदार इस किताब में काव्य और कविताओं द्वारा बखूबी दर्शाए गए है। कृष्ण की राधा जैसे तो कभी कृष्ण के सुदामा जैसे, उस प्रिय की प्रियतमा इस जीवन के हर मोड़ पर साथी बनकर तो कभी अर्जुन के कृष्ण जैसे सारथी बनकर साथ निभाती है। इन्हीं काव्य द्वारा उस प्रिय ने अपनी प्रियतमा के प्रति अपने भाव दर्शाते हुए बताया है की कैसे वो कभी चीर देने वाला तीर तो कभी गांडिव बन जाती है, चाँद की ठंडक के साथ साथ वो सूरज के तेज से अपना मुख सँवारति है, वक्त वक्त पर अपने किरदार को किस तरह वह बखूबी निभाती है।
ಈ ಪುಸ್ತಕವು ಲೇಖಕರ ಮೊದಲ ರಚನೆಯ ಕವನಗಳ ಸಂಗ್ರಹ, ಕವನಗಳು ಭಾಷೆ, ನೆಲ, ಜಲ, ಪ್ರೀತಿಪ್ರೇಮ, ಕನ್ನಡ ಅಭಿಮಾನ, ಮೋಸ, ಶಿಕ್ಷಣ, ಗುರು, ದುಃಖ ಮುಂತಾದ ವಿಷಯಗಳ ಬಗ್ಗೆ ಪದಗಳನು ಪೋಣಿಸಿ ಕವನಗಳನ್ನು ಬರೆದಿದ್ದಾರೆ. ಲೇಖಕರು ರಸಾಯನಶಾಸ್ತ್ರ ಉಪನ್ಯಾಸದ ಜೊತೆ ಕನ್ನಡ ಸಾಹಿತ್ಯ ಕ್ಷೇತ್ರದಲ್ಲಿ ತಮ್ಮನ್ನು ತೊಡಗಿಸಿಕೊಂಡಿದ್ದಾರೆ.ಇವರು ಕನ್ನಡ ಸಾಹಿತ್ಯ ಕ್ಷೇತ್ರದಲ್ಲಿ ಕವಿ. ಲೇಖಕರು ಹಾಗು ಸಿನಿಮಾ ಸಾಹಿತಿಗಳಾಗಿ ಗುರುತಿಸಿಕೊಳ್ಳುವ ನಿಟ್ಟಿನಲ್ಲಿ ಪಯಣ ಸಾಗಿದೆ ಹಾಗೂ ಇವರು ಬರೆದ ಮೊಟ್ಟ ಮೊದಲ "ಹೇ ಹೃದಯ ನೀನು" ಎಂಬ ಗೀತೆಯನ್ನು ದೃಷ್ಟಿ ಕ್ರಿಯೇಷನ್ ಸಂಸ್ಥೆಯವರು ರೆಕಾರ್ಡ್ ಮಾಡಿ Youtube ನಲ್ಲಿ ಬಿಡುಗಡೆಗೊಂಡಿರುತ್ತದೆ.
ಈ ಪುಸ್ತಕವು ಲೇಖಕರ ಮೂರನೇಯ ರಚನೆಯ ಕವನಗಳ ಸಂಗ್ರಹ, ಕವನಗಳು ಭಾಷೆ, ನೆಲ, ಜಲ, ಪ್ರೀತಿಪ್ರೇಮ, ಕನ್ನಡ ಅಭಿಮಾನ, ಮೋಸ, ಶಿಕ್ಷಣ, ಗುರು, ದುಃಖ ಮುಂತಾದ ವಿಷಯಗಳ ಬಗ್ಗೆ ಪದಗಳನು ಪೋಣಿಸಿ ಕವನಗಳನ್ನು ಬರೆದಿದ್ದಾರೆ. ಲೇಖಕರು ರಸಾಯನಶಾಸ್ತ್ರ ಉಪನ್ಯಾಸದ ಜೊತೆ ಕನ್ನಡ ಸಾಹಿತ್ಯ ಕ್ಷೇತ್ರದಲ್ಲಿ ತಮ್ಮನ್ನು ತೊಡಗಿಸಿಕೊಂಡಿದ್ದಾರೆ. ಇವರು ಕನ್ನಡ ಸಾಹಿತ್ಯ ಕ್ಷೇತ್ರದಲ್ಲಿ ಕವಿ. ಲೇಖಕರು ಹಾಗು ಸಿನಿಮಾ ಸಾಹಿತಿಗಳಾಗಿ ಗುರುತಿಸಿಕೊಳ್ಳುವ ನಿಟ್ಟಿನಲ್ಲಿ ಪಯಣ ಸಾಗಿದೆ ಹಾಗೂ ಇವರು ಬರೆದ ಮೊಟ್ಟ ಮೊದಲ "ಹೇ ಹೃದಯ ನೀನು" ಎಂಬ ಗೀತೆಯನ್ನು ದೃಷ್ಟಿ ಕ್ರಿಯೇಷನ್ ಸಂಸ್ಥೆಯವರು ರೆಕಾರ್ಡ್ ಮಾಡಿ Youtube ನಲ್ಲಿ ಬಿಡುಗಡೆಗೊಂಡಿರುತ್ತದೆ. ಇವರ ಮೂರನೇಯ ಕವನ ಸಂಕಲನ ಭಾವನೆಗಳ ಚಿತ್ತಾರ ಬಿಡುಗಡೆಗೊಳ್ಳುತ್ತಿದೆ .
ಈ ಪುಸ್ತಕವು ಲೇಖಕರ ಎರಡನೆಯ ರಚನೆಯ ಕವನಗಳ ಸಂಗ್ರಹ, ಕವನಗಳು ಭಾಷೆ, ನೆಲ, ಜಲ, ಪ್ರೀತಿಪ್ರೇಮ, ಕನ್ನಡ ಅಭಿಮಾನ, ಮೋಸ, ಶಿಕ್ಷಣ, ಗುರು, ದುಃಖ ಮುಂತಾದ ವಿಷಯಗಳ ಬಗ್ಗೆ ಪದಗಳನು ಪೋಣಿಸಿ ಕವನಗಳನ್ನು ಬರೆದಿದ್ದಾರೆ. ಲೇಖಕರು ರಸಾಯನಶಾಸ್ತ್ರ ಉಪನ್ಯಾಸದ ಜೊತೆ ಕನ್ನಡ ಸಾಹಿತ್ಯ ಕ್ಷೇತ್ರದಲ್ಲಿ ತಮ್ಮನ್ನು ತೊಡಗಿಸಿಕೊಂಡಿದ್ದಾರೆ. ಇವರು ಕನ್ನಡ ಸಾಹಿತ್ಯ ಕ್ಷೇತ್ರದಲ್ಲಿ ಕವಿ. ಲೇಖಕರು ಹಾಗು ಸಿನಿಮಾ ಸಾಹಿತಿಗಳಾಗಿ ಗುರುತಿಸಿಕೊಳ್ಳುವ ನಿಟ್ಟಿನಲ್ಲಿ ಪಯಣ ಸಾಗಿದೆ ಹಾಗೂ ಇವರು ಬರೆದ ಮೊಟ್ಟ ಮೊದಲ "ಹೇ ಹೃದಯ ನೀನು" ಎಂಬ ಗೀತೆಯನ್ನು ದೃಷ್ಟಿ ಕ್ರಿಯೇಷನ್ ಸಂಸ್ಥೆಯವರು ರೆಕಾರ್ಡ್ ಮಾಡಿ Youtube ನಲ್ಲಿ ಬಿಡುಗಡೆಗೊಂಡಿರುತ್ತದೆ. ಇವರ ಎರಡನೆಯ ಕವನ ಸಂಕಲನ ಬದುಕಿನ ಬಣ್ಣ ಬಿಡುಗಡೆಗೊಳ್ಳುತ್ತಿದೆ .
এই বইয়ের লেখা গুলো মনের মাধুর্য মাখা লেখা নয়। বরং বলা যায় অভিজ্ঞতা প্রসূত এবং বুদ্ধির দ্বারা আকারিত। বিভিন্ন সময়ে, বিভিন্ন রকমে, বিভিন্ন অবস্থায়, বিভিন্ন ব্যক্তি বর্গদের পর্যবেক্ষণ করে,বিভিন্ন ব্যক্তির সান্নিধ্যে এসে, বিভিন্ন লেখকদের লেখা পড়ে, যে ঢঙের অভিজ্ঞতা আমার হয়েছে সেটাই এই বইয়ের মূল উপজীব্য। এখানে উল্লেখিত প্রত্যেকটি কথা, শব্দ এবং বাক্য গুলো হল আমার প্রতিক্রিয়া, সেইসব ঘটনার যার সম্মুখীন (প্রত্যক্ষ এবং পরোক্ষভাবে) আমি হয়েছি। লেখক পরিচিতি - সন্তরাজ দেববর্মা পেশায় একজন দর্শনশাস্ত্রের সহকারী অধ্যাপক। তিনি বর্তমানে অমরপুর মহকুমায় স্থিত সরকারি সাধারণ ডিগ্রি কলেজে কর্মরত। তিনি অধ্যাপনার পাশাপাশি লেখালেখিও করে থাকেন। তিনি বিভিন্ন (অ)-গবেষণা ধর্মী প্রবন্ধ এবং বইয়ের লেখক। তার জন্ম এবং কর্ম ত্রিপুরা রাজ্যে।
ये पुस्तक संकलन है उन समस्त इंसानी भावनाओं को जिन्हें कविता के रूप में सहित किया गया है । ये पुस्तक संग्रह है उन 7 रसों का जो इंसानी जज्बातों को कविता के माध्यम से प्रस्तुत करते हैं ।
" মনের কথাটুকু "" তারা প্রসন্ন মুখার্জী মনের কথাটুকু কবি "" তারা প্রসন্ন মুখার্জীর "" প্রথম কাব্যগ্রন্থ এটি ...যদিও ক্লাস সেভেনে কবির লেখার প্রথম হাতে খড়ি ! পিতা ও নিজ কর্মসূত্রের কারনে কবির ভ্রাম্যমান জীবন... সর্বত্র সাহিত্যের তেমন অনুকূল পরিবেশ না থাকায় - লেখার সেভাবে প্রচার বা প্রসারিত হয়নি। কবির সাধনা কিন্তু থেমে থাকে নি ... অন্তঃসলিলা নদীর মতোই প্রবাহিত হতে থাকে তাঁর সৃষ্টিশীল সুশীল মন জগত ! একাধিক যৌথ সংকলন এবং বিভিন্ন পত্র পত্রিকায় তাঁরলেখা প্রকাশিত হয় নিয়মিত ... ""মনের কথাটুকু"" কাব্যগ্রন্থটিতে লেখার কোন সুনির্দিষ্ট বিষয় নেই আর আর স্বচ্ছ সাবলীল ভাষা কবির অনন্য গুণের পরিচায়ক ! মনের কথাটুকু"" পাঠে একাত্ম হলে কবির সুশীল ও সৃজনশীল মনের নির্যাসটুকু পাবেন- একথা হলফ করে বলতে পারি... এটুকুই আমার মনের কথা... নমস্কারান্তে ... গোপাল পাত্র ( স্ব- বাক প্রকাশনী )
इस पुस्तक में कवियित्री की विभिन्न विषयों से संबंधित कविताओं का संकलन किया गया है । जीवन के विभिन्न पहलुओं को कवियित्री ने अपनी कविताओं के विषय के रूप में चुना है । समाज में व्याप्त कुरीतियों को उजागर करते हुए उनके समाधान का भी प्रयास इन कविताओं में दिखाई देता है । प्रस्तुत संकलन की कविताएं कवियित्री के हृदय में उत्पन्न होने वाले स्वत स्फूर्त उद्गार हैं । इनमें प्रकृति के प्रति मानव के उपेक्षा भाव को प्रदर्शित करते हुए बढ़ते हुए प्रदूषण पर चिंता प्रगट की गई है तो गिरते हुए नैतिक मूल्यों तथा मानव मन में निरंतर बढ़ती स्वार्थपरता तथा उसके असीम लालच को अभिव्यक्ति देते हुए उनके प्रति चिंता व्यक्त की गई है जो कवियित्री की जागरूक प्रवृत्ति को दर्शाती है ।
સમગ્ર માનવ ઇતિહાસમાં ઘુવડ વિવિધ રીતે ભય, જ્ઞાન, શાણપણ, મૃત્યુ અને આધ્યાત્મિક વિશ્વમાં ધાર્મિક માન્યતાઓને પ્રતીક કરે છે. મોટાભાગની પશ્ચિમી સંસ્કૃતિઓમાં ઘુવડના મંતવ્યો સમય સાથે ધરમૂળથી બદલાયા છે. આ પુસ્તક પક્ષીવિજ્ઞાન અને વન્યજીવન જીવવિજ્ઞાનના ક્ષેત્રમાં વિશ્વના જાણીતા પક્ષીવિદો, સંશોધકો, વૈજ્ઞાનિકો, અને પક્ષીનિરીક્ષકો દ્વારા પ્રકાશિત અધિકૃત અને પ્રમાણભૂત સાહિત્યનું વ્યવસ્થિત સંકલન છે. ડૉ. હિરેન બી. સોનીના અંગત અવલોકનો અને ગુજરાતના જંગલી ભૂપ્રદેશમાં આદરેલાં પ્રકાશિત સંશોધન કાર્યને પણ આ પુસ્તકમાં આવરી લેવામાં આવ્યું છે, જે તેમના પક્ષીવિજ્ઞાની અને વન્યજીવ જીવવિજ્ઞાની તરીકે ૨૪ વર્ષના સંશોધનકાળ દરમિયાન સાંભળેલ, જોયેલ, લખેલ તેમજ અનુભવેલ છે. આ પુસ્તક સંશોધકો, વૈજ્ઞાનિકો, અને પક્ષી સંરક્ષણવાદીઓ માટે ચોક્કસપણે એક તૈયાર સંદર્ભ સામગ્રી અને હાથવગી અભ્યાસ માર્ગદર્શિકા બની રહેશે.
This book is a fiction romance novel that tells a beautiful love story. This is a detailed story of the life of Samantha Walters, who was raised in the community of Sedgewick as she goes about the day to daydream and makes it big in the modeling world, she befriends a young woman in a higher grade by the name of Raylene Kendall and with that, she was thought from a young what to expect in the world of modeling, though she had constant doubts about her skin color, her parents had always instilled her with more values to cherish the skin that she's in. She grows up later in life to become an accountant working under Ms. Olivia Darrows who had observed her intelligence, her wit, and her consistency in getting the work done.
This book is a fiction romance novel that tells a beautiful love story. This is a detailed story of the life of Samantha Walters, who was raised in the community of Sedgewick as she goes about the day to daydream and makes it big in the modeling world, she befriends a young woman in a higher grade by the name of Raylene Kendall and with that, she was thought from a young what to expect in the world of modeling, though she had constant doubts about her skin color, her parents had always instilled her with more values to cherish the skin that she's in. She grows up later in life to become an accountant working under Ms. Olivia Darrows who had observed her intelligence, her wit, and her consistency in getting the work done.
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