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Bøker utgitt av diamond pocket books pvt ltd

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  •  
    173,-

    यह पुस्तक आपके लिए प्रेरणास्रोत का कार्य करने वाली है। आप जिस लक्ष्य को अपने जीवन में पाना चाहते हो, उसे पाने के लिए सकारात्मक उर्जा इस पुस्तक को पढ़ने के बाद आपको हासिल हो पाएगी, क्योंकि इसमें लक्ष्यप्राप्ति के सिद्धांतों को इस तरह प्रस्तुत किया गया, कि आप अपने अंदर के डर और दबावों से छुटकारा पाकर सफलता के नजदीक पहुंच सकते हैं। यह पुस्तक व्यक्तित्व निर्माण के क्षेत्र में कार्यरत जाने-माने प्रेरणा गुरूओं के गंभीर विचारों का सार है। यकीन मानिए, इस पुस्तक को पढ़ने के बाद आप समझ जाएंगे कि सफलता केवल भाग्य का खेल नहीं है, बल्कि यह आदमी के भीतर या उसकी पहुंच के पास होती है जिससे वह अपनी भीतरी क्षमतानुसार जो पाना चाहता है पा लेता है।सफलता पाने के लिए आपकी अदम्य इच्छा के अलावा और किसी की आवश्यकता नहीं है। इसलिए याद रखिए कि किसी एक व्यक्ति के सफल होने पर यह निश्चित है कि आप भी सफल हो सकते हैं।यह पुस्तक आपके विचारों को बदल कर आपका भाग्य बदल देगी। आनंदित होकर पढ़िये ।

  • av Tarun Engineer
    228,-

    सफलता आपकी जिंदगी में दो बार आती है। पहले आपके दिमाग में, फिर आपके जीवन में। इसलिए मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि सफलता आपके दिमाग में आ चुकी है, क्योंकि पुस्तक आपके हाथ में है और आप सफलता को जीवन में उतारने के गुरुमंत्र ढूंढ रहे है-? यदि आपका उत्तर 'हां' में है, तब समझ लीजिए कि सफलता की कुंजी आपके हाथ लग चुकी है। क्योंकि वैज्ञानिकों ने जब सौर मंडल की खोज की थी, तब पूरी दुनिया सकते में आ गयी । फिर कुछ लोगों ने उस खोज को बकवास बताया लेकिन जब खोज सच साबित हुई, तब लोगों को विश्वास हो गया कि सूर्य की रोशनी से दिमाग में लहरें उठती हैं, जिन्हें विचार कहते हैं।विचार दो तरह के होते हैं, नकारात्मक और सकारात्मक ! नकारात्मक विचार मनुष्य को पतन की ओर ले जाते हैं, परन्तु सकारात्मक विचार मनुष्य 1 के अंदर शक्ति का संचार करते हैं। यही वजह है कि कुछ लोग जिंदगी में सबकुछ आसानी से हासिल कर लेते हैं और कुछ लोग काफी मेहनत के बाद भी कुछ हासिल नहीं कर पाते जबकि दिमाग सब लोगों में बराबर होता है। इसलिए ऊंचे लक्ष्य बनाइए फिर आप उनसे भी ऊंचे हो जाएगें क्योंकि यह पुस्तक आपको सीक्रेट्स ऑफ सक्सेस से परिचित कराएगी और फिर आपके अवचेतन मन (Sub-conscious Mind) में नीचे लिखे गुणों का समावेश हो जाऐगा -- स्मरण शक्ति और एकाग्रता में कई गुना वृद्धि- एक साथ कई काम करने की जादुई कुशलता- भारी दबावों के बावजूद कार्य करने की क्षमता- बड़ा दांव लगाने का हुनर- मौलिक सोच और आत्म- विश्वास में बढ़ोतरी- उत्पादन क्षमता और बिक्री में असाधारण वृद्धि- नेतृत्व करने की आश्चर्य- जनक शक्ति- अपार धन कमाने का जुनून

  • av Tarun Engineer
    214,-

    बड़ा सोचने की शक्ति पैदा करें। अपने विकल्पों पर अच्छी तरह सोचें। काम के लिए जुनून पैदा करें। सकारात्मक सोच का मतलब समझें। अवसर का सही उपयोग करें। जो करना है तुरंत करें। जिस काम से डर लगता है वही करें। भीतर दबी आग को बाहर आने दें। ज्वालामुखी बनने का इंतजार करें। सफलता के बारे में सोचें। महान लक्ष्य के लिए महान विचार रखें। लक्ष्य को सफलता की सीढ़ी समझें। कुछ बनने का संकल्प लें। समय का सही मूल्यांकन करें। अधिक काम करने का वातावरण बनाएं।

  • av A G Krishnamurthy
    173,-

    'आसमान को छू लो, में एक ऐसे संघर्षमय बीज की कहानी है जिसने हवाओं के थपेड़ों को सहते हुए अंकुरण के लिए उचित स्थान की तलाश की। बीज का पौधे में बदलना और फिर वृक्ष रूप धारण करना शायद सुनने में आम बात लगे। किंतु यह वृक्ष आम वृक्षों में शामिल नहीं किया जा सकता। इसकी जड़ों की गहराई से इसके पत्तों की चमक का अंदाजा लगाया जा सकता है। जड़ों की गहराइयों का पूर्ण अंदाजा पाठक इस पुस्तक के माध्यम से लगा सकता है। इस बीज का विकसित होकर वृक्ष बनने की कहानी के पीछे छिपी है दिन-रात की कड़ी मेहनत, सत्य, निष्ठा और जड़ों का पूर्ण सहयोग ए. जी. कृष्णमूर्ति, मुद्रा कम्युनिकेशंस के संस्थापक चेयरमैन व एम.डी. हैं, उन्होंने 35,000 की कुल पूंजी व एक ग्राहक के साथ एजेंसी की शुरुआत की। नौ वर्षों के भीतर ही, 'मुद्रा' भारत की तीसरी विशाल विज्ञापन एजेंसी बन गई। इस समय श्री कृष्णामूर्ति जी, ए. जी. के. ब्रांड कंसल्टिंग के चेयरमैन पद पर हैं।

  • av Jagdish Acharya Sharma
    187,-

    जीवन मूल्य का विवेचन जब हम करते हैं, तो पाते हैं कि 'जीवन' से जुड़े हुए मूल्यों अर्थात् महत्त्वपूर्ण मान्यताओं और अवधारणाओं को ही सामान्यतः 'जीवन मूल्य' कहा जाता है। यहाँ हमें सब से पहले 'मूल्य' शब्द को समझना होगा, जिसके साथ जब व्यापक जीवनानुभवों को साहित्यकार जोड़ देता है, तभी कहा जाता है कि किसी रचना में जीवन-मूल्यों की अभिव्यक्ति हुई है।

  • av Rinkal Sharma
    173,-

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  • av Bhawan Singh Rana
    187,-

    It will be called her good luck that Lakshmibai, born in an ordinary Brahmin family, became the Maharani. But the rare reticence, courage and bravery she displayed while fighting the enemy army during India's first fight for freedom were her individual understanding and her genius as a warrior. Some of our own brethren played traitors in India's fight for freedom, otherwise the Englishmen would have abandoned and left India at that time itself I the face of the Maharani's courage and valour. This book presents a date wise account of these events.

  • av Raghuveer Sharan 'Mitra'
    214,-

    People also know 'Chanakya' by the names of Kautilya and Vishnugupta. In the history of India, he established the Maurya dynasty with his intelligence and later became the teacher of Bindusara and Emperor Ashoka. His creation of economics and Chanakya policy are relevant even today.Chanakya gave birth to an excellent intellectual tradition of keeping India's economic, political, educational and social system well planned. Suppressed the enemies with his diplomacy and made Sanskrit literature important with his talent. He made India proud by sacrifice and intelligence and gave prominence to lifelong character, self-respect and dedication. The biography of such a great man Chankaya is "FIRE AND WATER". This book is not just a biography but a living document which will help in knowing and understanding 'Chanakya' closely. He was intelligent, sharp minded, firm in his intentions, rich in talent, visionary and era-maker, his only aim of life was- 'BuddhiryasyaBalamTasya'.

  • av Renu Saran
    173,-

    It is the belief of traditional Indian nationalists that the events of 1857 are not a series of isolated and uncoordinated mutinies. In fact, it was a war of idependence for achieving freedom.It is a turning point in which the nationalist feeling, long suppressed by the British occupation flared into violence. It convinced the Britishers that India could not be held at leisure and fear of another mutiny continued to haunt the British rulers right till 1947. That is why a lot of people consider the mutiny of 1857 as the "First war of Independence".

  • av George S Clason
    173,-

    The Richest Man in the Babylon. This book deals with the personal success of each of us. Success means results coming from our efforts and ability. A good preparation is the key to our success. So keep a part of what you earn with yourself. From the benefits of saving to the essentials of getting rich, this collection of educative Babylonian fables gives you timeless information on how to make money. It guides to getting rich, attracting good fortune and the five golden rules. As a guide to understanding hydro-wealth and a powerhouse has been inspiring readers for generations. You know that Babylon became the richest city of the ancient civilization because it had reserved part of its earnings for the future. That's why citizens got everything they wanted. How can you always keep your wallet heavy, the author has taught very beautifully on this topic.

  • av Sun Tzu
    146,-

    The Art of War is an enduring classic that holds a special place in the culture and history of East Asia. An ancient Chinese text on the philosophy and politics of warfare and military strategy, the treatise was written in 6th century B.C. By a warrior-philosopher now famous all over the world as sun Tzu.sun Tzu's teachings remain as relevant to leaders and strategists today as they were to rulers and military generals in ancient times. Divided into thirteen chapters and written succinctly, the art of War is a must-read for anybody who works in a competitive environment.

  • av Rakesh Kumar
    201,-

    There are tons of seminars, books, and movies on how to become a millionaire! I am happy that the book has come among them to become a good manager. Along with making a homegrown manager, this book also fulfills the need of the individual, society, and the country.The book has presented many topics that can make any person's life successful like 'How long to protest?' 'Don't lose your temper on the job!" 'Whoever comes into the team is the best; how to extract the best from him?' Simple sentences like 'bringing your work in front of the senior officer without arrogance, ' etc. destroy the prejudice by shaking the mind. Without 'Desi Manager', India cannot make a permanent place in the leading economic countries of the world. This is the demand of today's time and as long as there is a demand for managers, the book will be required.

  • av Raghuveer Sharan 'Mitra'
    228,-

    People also know 'Chanakya' by the names of Kautilya and Vishnugupta. In the history of India, he established the Maurya dynasty with his intelligence and later became the teacher of Bindusara and Emperor Ashoka. His creation of economics and Chanakya policy are relevant even today.Chanakya gave birth to an excellent intellectual tradition of keeping India's economic, political, educational and social system well planned. Suppressed the enemies with his diplomacy and made Sanskrit literature important with his talent. He made India proud by sacrifice and intelligence and gave prominence to lifelong character, self-respect and dedication. The biography of such a great man Chankaya is "FIRE AND WATER". This book is not just a biography but a living document which will help in knowing and understanding 'Chanakya' closely. He was intelligent, sharp minded, firm in his intentions, rich in talent, visionary and era-maker, his only aim of life was- 'BuddhiryasyaBalamTasya'.

  • av Dayanand Pandey
    173,-

    'पति छोड़ दूंगी पर नौकरी नहीं।' बांसगांव की मुनमुन का यह स्वर गांव और क़स्बों में ही नहीं बल्कि समूचे निम्न मध्यवर्गीय परिवारों में बदलती औरत का एक नया सच है। पति परमेश्वर की छवि अब खंडित है। ऐसी बदकती, खदबदाती और बदलती औरत को क़स्बे या गांव का पुरुष अभी बर्दाश्त नहीं कर पा रहा। उसके सगे भाई भी नहीं। पैसा और सफलता अब परिवार में भी राक्षस बन गए हैं। सर्प बन चुकी सफलता अब कैसे एक परिवार को डंसती जाती है, बांसगांव की मुनमुन का एक ताप यह भी है कि लोग अकेले होते जा रहे हैं। अपने-अपने चक्रव्यूह में हर कोई अभिमन्यु है। लालच कैसे भाई की लाश को भी आरी से काट कर बांटने के लिए लोगों को निर्लज्जता की हद तक ले जा चुकी है, बांसगांव की मुनमुन में यह दंश भी खदबदाता मिलता है। जज, अफसर, बैंक मैनेजर और एन.आर.आई. जैसे चार बेटों के माता-पिता एक तहसीलनुमा क़स्बे में कैसे उपेक्षित, अभावग्रस्त और तनावभरा जीवन जीने को अभिशप्त हैं, इस लाचारगी की इबारतें पूरे उपन्यास में यों ही नहीं उपस्थित हैं। बांसगांव की मुनमुन के बहाने भारतीय क़स्बों में कुलबुलाती, खदबदाती एक नई ही ज़िंदगी, एक नया ही समाज हमारे सामने उपस्थित होता है। बहुत तफ़सील में न जा कर अंजुम रहबर के एक शेर में जो कहें कि 'आइने पे इल्ज़ाम लगाना फिजूल है, सच मान लीजिए चेहरे पे धूल है।' बांसगांव की मुनमुन यही बता रही है।

  • av Rakesh Kumar
    187,-

    There are tons of seminars, books, and movies on how to become a millionaire! I am happy that the book has come among them to become a good manager. Along with making a homegrown manager, this book also fulfills the need of the individual, society, and the country.The book has presented many topics that can make any person's life successful like 'How long to protest?' 'Don't lose your temper on the job!" 'Whoever comes into the team is the best; how to extract the best from him?' Simple sentences like 'bringing your work in front of the senior officer without arrogance, ' etc. destroy the prejudice by shaking the mind. Without 'Desi Manager', India cannot make a permanent place in the leading economic countries of the world. This is the demand of today's time and as long as there is a demand for managers, the book will be required.

  • av Deepti Dariyadili'
    146,-

    चूँकि दीप्ति ने परास्नातक की उपाधि हिन्दी विषय के बाद संगीत में प्राप्त की इसीलिये इनके गद्य एवं पद्म में थिरकती हुयी अनवरत लयबद्धता स्पष्ट दिखायी देती है। इनके काव्य एवं प्रस्तुतीकरण से प्रभावित होकर आकाशवाणी झाँसी में "बुन्देलखण्ड की उभरती कवियत्री " के उपमान से वार्ता एवं कविताओं का प्रसारण किया।'दिल दरिया है' प्रथम सर्जना-संग्रह सुविज्ञ पाठकों के मध्य अपना स्थान अवश्य प्राप्त करेगा, इस मंगल कामना के साथ।

  • av B. K. Chaturvedi
    383,-

    Chanakya Neeti is the story of Chanakya, conventionally known as Kautilya or Vishnu Gupta. He was initially a professor of economics and political science at the ancient Takshashila University, and later on administered the first Maurya emperor, Chandragupta Maurya, to ascend to supremacy at a young age. Chanakya is one of the greatest figures of wisdom and knowledge in the Indian history; he is one of the finest philosophers and diplomat in the country's past.Chanakya was a King maker and crowned Chandragupta Maurya as the ruler and preferred to serve him as his mentor. The book is a dissertation on the model way of life and shows his in-depth understanding of the Indian ways. These realistic and potent tactics provide a path to live a systematic and designed life leading to success in all facets. If understood well, this book can be an answer to all everyday problems in one's life.Chanakya also introduced Neeti-Sutras, sayings or pithy sentences, which inform people about the ideal behavior that one should carry. He used these sutras to spruce Chandragupta and other chosen disciples in the art of ruling a kingdom. But these sutras are highly relevant to today's times too due to Chanakya's superb understanding of the timeless Indian mindset. It still stands to be one of the best management books for the current times.Chanakya Neetis and Chanakya Sutras have been compiled together in this book to make his astuteness easily accessible to readers. This book was published by Diamond Books in 2012, and is available in paperback.Key Features:* This book discusses Chanakya's influential strategies and ideologies in a very lucid manner for easier understanding.The translation from Sanskrit to Bengali has made the read very convenient.

  • av Pt. Radha Krishna Shrimali
    173,-

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  • av Bimal Chhajer
    343,-

    In this book, you will find all the diabetes related queries that you could think of about diet, stress, exercises and other miscellaneous queries are answered in a very simple language. You must not have got such simple answers before.Diabetes is a very common illness in the modern times. The number of diabetes patients is rapidly growing all over the world including India. It is a chronic disease and a slow killer killing people by damaging the. kidney, causing heart disease, coma or by gangrene formation. With no permanent remedy at site there is a silver lining. This disease can be completely controlled by lifestyle management, education and changes in diet habits. In advanced cases allopathic as well as ayurvedic drugs and insulin, in combination of lifestyle changes, can keep the diabetic patient completely healthy.

  • av Maurice Leblanc
    214,-

    "The Confessions of Arsène Lupin" is a collection of short stories featuring the iconic character Arsène Lupin, created by the French author Maurice Leblanc. Arsène Lupin is a suave and clever gentleman thief who uses his intelligence, charm, and wit to pull off daring heists and outsmart the police and his adversaries. Published in 1913, this collection of stories presents Arsène Lupin in a unique light. Instead of his usual adventures as a master thief, Lupin takes on the role of a detective and helps solve various mysteries and crimes. These stories showcase Lupin's versatility as a character, as he shifts from being a criminal to using his skills to solve mysteries and bring criminals to justice. Maurice Leblanc's writing in "The Confessions of Arsène Lupin" is characterized by its clever plotting, humour, and Lupin's charismatic personality. Readers are treated to a series of entertaining and engaging stories where Lupin's sharp mind is put to the test in solving intricate puzzles and outwitting criminals. This collection is a delightful addition to the Arsène Lupin series, offering a fresh perspective on the character and his abilities. It highlights Lupin's moral ambiguity and his ability to adapt to different roles, making him one of the most intriguing and enduring figures in detective fiction.

  • av Savneet Kaur
    146 - 160,-

  • av Osho
    187,-

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  • av Raghu Korrapati
    409,-

    Dr. Raghu Korrapati's newest book is a seminal work that is bound to be soon accepted as a significant and powerful contribution to the literature on higher education. This is his landmark effort to encapsulate in one place all that a research scholar might need during his/her research, be it on any subject or discipline. The result is a complex and nuanced picture of the nature, processes, and contexts of research scholarship in varied departmental, disciplinary and institutional cultures. Undoubtedly, this pivotal and pioneering book will prove to be valuable to both faculty and graduate students who study higher education. Further, institutional leaders, deans, and chairpersons of tenure, and promotion committees who seek to develop vaster comprehension of scholarship will also greatly benefit from this.The book is divided into 5 chapters - Introduction, Literature Review, Methodology, Results, and Summary, Conclusions, & Further Review - to provide insights and suggestions on every aspect of research based work and to assist you stay focused on doing the right things. I hope you will find your "new research guide" helpful in guiding you through this learning and exciting phase of your life. My expectation is that you will continue to learn and share the knowledge for the next generations of scholars and researchers.

  • av Mona Ashoka Verma
    241,-

    Mona Asoka Verma nee Pahlajani was born in Sukker of Sindh province, now in Pakistan, in 1940. Itwas only after her marriage in 1964 in Mumbai that she started taking any interest in the kitchen. Whilein Delhi with her husband, she attended cookery classes, and later, first in Kolkata and then in Mumbaishe set up her own successful cookery courses. At one point of time, nearly fifteen of her students ranindependent classes of their own.Mona Asoka Verma has a flair for writing Hindi poetry and is a keen student of Indian classical music.She is a social worker with many years being in the Lion's movement in Mumbai as well as she was forsome time on the advisory board of Chembur Vidya Samiti, Mumbai, which is dedicated to the cause ofpoor women.Mona Asoka Verma has authored four cookery books and two Hindi poetry books, all well received.Mona Asoka Verma is married to Asoka Verma, a senior company executive, now retired. They havea son and a daughter and now live in Noida.

  • av Raghu Raman
    228,-

    NA

  • av Sara Verma
    132,-

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  • av Sara Verma
    146,-

    This book is a biography of Vibha Chugh, that brings to light the wonderful work being done by her social initiative-Sakha: Ek Pehel. Vibha began her journey towards social commitment during the pandemic, when she felt responsible for the street dogs in her locality. She moved beyond feeding them to extending her support to women in the nearby village of Nithari, who learnt the art of crochet to create products that made them self-sufficient. Through this book, the author hopes to inspire people to come forward to serve their community and help to make the world a better place.

  • av Priyanka Verma
    201,-

    NA

  • av Priyanka Verma
    201,-

    NA

  • av Priyanka Verma
    201,-

    NA

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