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Bøker av Ranjana Verma

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  • av Ranjana Verma
    228,-

    इस पुस्तक में कवियित्री की विभिन्न विषयों से संबंधित कविताओं का संकलन किया गया है । जीवन के विभिन्न पहलुओं को कवियित्री ने अपनी कविताओं के विषय के रूप में चुना है । समाज में व्याप्त कुरीतियों को उजागर करते हुए उनके समाधान का भी प्रयास इन कविताओं में दिखाई देता है । प्रस्तुत संकलन की कविताएं कवियित्री के हृदय में उत्पन्न होने वाले स्वत स्फूर्त उद्गार हैं । इनमें प्रकृति के प्रति मानव के उपेक्षा भाव को प्रदर्शित करते हुए बढ़ते हुए प्रदूषण पर चिंता प्रगट की गई है तो गिरते हुए नैतिक मूल्यों तथा मानव मन में निरंतर बढ़ती स्वार्थपरता तथा उसके असीम लालच को अभिव्यक्ति देते हुए उनके प्रति चिंता व्यक्त की गई है जो कवियित्री की जागरूक प्रवृत्ति को दर्शाती है ।

  • av Ranjana Verma
    214,-

    अमला एक ऐसी स्त्री की कहानी है जो परिस्थितियों के चक्रवात में फँस कर भी सुनहरे स्वप्हन देखना नहीं छोड़ती किन्तु उसके स्वप्न स्वप्न ही रहते हैं । कभी वे सत्य नहीं बन पाते । उसकी जिजीविषा और पुनरुत्थान की आशा उसकी श्वांसों में समा कर जीवन की प्रेरणा देती रहती है । बार बार हार कर भी वह हर नहीं मानती । और जब जीवन उपवन पुष्पित पल्लवित होता है, परिस्थितियां करवट लेती हैं तब भाग्य फिर उसे ऐसा झटका देता है कि..... क्या होता है फिर ? कभी हार न मानने वाली अमला क्या हार जाती है ? क्या उसके जीवन को कभी उल्लास की किरणें प्रकाशित कर पाती हैं ? यह सब जानने के लिये पढिये - अमला । आपके सभी प्रश्नों का उत्तर है - अमला ।

  • av Ranjana Verma
    201,-

  • av Ranjana Verma
    214,-

  • av Ranjana Verma
    409,-

  • av Ranjana Verma
    166,-

  • av Ranjana Verma
    166,-

  • av Ranjana Verma
    166,-

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